समास

समास जब दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक पद बनाते हैं तो उसे समास कहते हैं। समस्त पद दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने पद को समस्त पद कहते हैं, समास किये गए पदों को समस्त पद या सामासिक पद कहते हैं। जैसे- रामराज्य समास विग्रह समस्त पद में प्रयुक्त शब्दों को पुनः विभक्ति सहित पृथक करने की क्रिया को समास विग्रह कहते हैं। समास के चार भेद होते हैं। १. अव्ययीभाव २. द्वंद्व ३. बहुव्रीहि ४. तत्पुरुष ये दो उपभेद तत्पुरुष समास के ही हैं।अतः सब मिलकर छः भेद हो जाते हैं। ५. द्विगु ६.कर्मधारय क्रमशः मनोज कुमार झा अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की कृतियाँ अधखिला फूल चुभते चौपदे चोखे चौपदे पारिजात प्रद्युम्न विजय प्रियप्रवास रसकलश रुक्मिणी परिणय वैदेही वनवास १४. हिन्दी समास १.अव्ययीभाव समास जिस समास में पूर्व(पहला) पद अव्यय हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। समास का पहला पद अव्यय होता है और दूसरा पद संज्ञा। समस्त पद अव्यय होता है अव्यय ,वे शब्द होते हैं जो लिंग, वचन, कारक, काल के अनुसार नही बदलते। संस्कृत के उपसर्ग युक्त पद में भी अव्ययीभाव समास होता है...