हरिशंकरी - ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में वृक्ष

पीपल, बरगद और पाकड़ के वृक्षों को एक ही स्थान पर रोपित करने को " हरिशंकरी " कहते हैं। इन्हें इसप्रकार रोपित किया जाता है कि तीनों वृक्षों का एक संयुक्त छत्र विकसित हो तथा तीनों वृक्षों के तने भी एक तने के रूप में दिखाई दें। तीन देवों का स्वरूप:- इसका नाम हरिशंकरी है किंतु यह तीन देव हरि= विष्णु, शंकर=शिव व ब्रह्मा का स्वरूप हैं। इसमें पीपल विष्णु जी का, बरगद शिव जी का और पाकड़ ब्रह्मा जी का स्वरूप माने जाते हैं। वृक्षों का संक्षिप्त विवरण:- १. पीपल:- इसे संस्कृत में अश्वत्थ, पिप्पल, बोधिद्रुम, कुंजराशन तथा वैज्ञानिक भाषा में फाइकस रिलीजिओसा कहते हैं। औषधीय दृष्टि से पीपल शीतल रुक्ष, व्रण को उत्तम बनाने वाला, पित्त, कफ, व्रण तथा रक्त विकार को दूर करने वाला माना जाता है। गीता म...