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Showing posts from December, 2020

उसने कहा था- एक कहानी

  अरे! यह कौन आ गया सीधे। किसी से बिना पूछे केबिन में चला आया। (आश्चर्य से) सहकर्मी से धीरे से कहते हुए- सर! जरा देखो कोई अपरिचित व्यक्ति अंदर घुस आया है। ऐसा कुलदीपिका ने कहा। अब आप पूछेंगे? यह कुल कुलदीपिका कौन है? हम इस अपरिचित व्यक्ति के परिचय के साथ ही कुलदीपिका का भी परिचय देंगे। जैसे ही उसने सहकर्मी से कहा- तब सहकर्मी ने देखकर कहा कि यह भी इसी बैंक में कार्य करते हैं और बाहर से आए हैं। वास्तव में यह जो अपरिचित व्यक्ति है उसका नाम मानव है और वह लगभग 10 दिनों के बाद बाहर से एक विशेष निजी कार्य से लौटकर आये हैं। शांत स्वभाव, सबका सहयोगी और कुलदीपिका जिसे हम आगे केवल दीपिका नाम से संबोधित करेंगे; वह इस शहर में नई है तथा उसकी नौकरी इसी बैंक में लगी है। वह एक चंचल स्वभाव, हंसमुख, सौंदर्यशाली है। उसकी आकर्षक मुस्कान जो देखे देखता रह जाए, ऐसी है। धीरे धीरे मानव और दीपिका के परस्पर संवाद होने लगे पाठकगण! यह कैसे और क्यों होता है? कोई अच्छा लगता क्यों है? किसी से अधिक वार्तालाप भी समाज के लोगों में कौतूहल पैदा क्यों करता है? किसी को देखना, मुस्कुराना उससे बातें करना क्यों कौतूहल का वि...

सीता परित्याग- उचित- अनुचित या कल्पित

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प्रत्येक राक्षस पति अपनी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार करता है, जबकि प्रत्येक राम अपनी पत्नी के वियोग में पागल होकर बिलखते हुए कहता है-   हे खग मृग! हे मधुकर श्रेनी! तुम्ह देखी सीता मृगनैनी।। राम वह पुरुष हैं जो स्वयं को सीता के वियोग सहने में  असमर्थ पाते हैं। अनुज लक्ष्मण से कहते हैं- घन घमंड नभ गरजत घोरा। प्रिया हीन डरपत मन मोरा।।   राम सीता के वियोग में पागल की तरह विलाप करते हैं और दुःखी होते हैं। तो क्या उन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने सीता का परित्याग किया? ऐसा संभव नहीं लगता।   कुछ लोगों का प्रश्न है कि भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम बड़े दयालु और न्यायकारी थे, तो उन्होंने निर्दोष जानकर भी माता सीता का त्याग क्यों किया? वास्तव में सीता परित्याग कल्पित लगता है फिर भी यह घटना घटित हुई हो तो भी इसमें प्रधानतः निम्न कारणों पर विचार किया जा सकता - १. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी के सम्मुख इस प्रकार की बात आई थी कि राम ने रावण के घर में रह कर आई हुई सीता को घर में रख लिया इसलिए यदि हमारी स्त्रियां भी दूसरों के यहां रहेंगी तो हम भी इस बात को सह लेंगे क्योंक...