Posts

Showing posts from January, 2021

राम मंदिर

  रामो विग्रहवान धर्म:। राम धर्म के साक्षात विग्रह हैं। यह वचन महर्षि वाल्मीकि जी के हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम भारतीय आदर्श और संस्कृति के साक्षात स्वरूप हैं। वह भारत की मर्यादा शील, सदाचार, चरित्र और नैतिकता हैं। वेद भगवान कहते हैं- मनुर्भव अर्थात मनुष्य बनो। मानव बनो। तब ऐसा कौन है, जो मानव की कसौटी पर खरा उतरता हो? और क्या है मानव होने की कसौटी? कुछ ऐसा ही प्रश्न महर्षि वाल्मिकी जी ने देवर्षि नारद जी से पूछा, जिसका वर्णन वाल्मीकि रामायण में है। " इस संसार में गुणवान, पराक्रमी,धर्मज्ञ, उपकार मानने वाला, सत्य वक्ता और दृढ़ प्रतिज्ञ कौन है? "सदाचार से युक्त, समस्त प्राणियों का हित साधक विद्वान ,सामर्थ्यशाली और एक मात्र प्रियदर्शन अर्थात सुंदर मानव कौन है?" "मन पर अधिकार रखने वाला, क्रोध को जीतने वाला, कांति मान और किसी की भी निंदा ना करने वाला कौन है ?तथा संग्राम में स्थित होने पर क्रोधित होने पर भी अन्याय के विरुद्ध किससे देवता भी डरते हैं?" इन 16 गुणों के प्रश्नात्मक वर्णन में मानवोचित गुणों के विषय को दृष्टिगत रखते हुए पूछा गया है कि इस समय मानव की कस...