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Showing posts from July, 2020

वो कौन थी?- एक कहानी

वो कौन थी? गांव की कच्ची पगडंडियों से होते हुए मानव आम के बगीचे में पहुँच गया। अभी आम का मौसम शुरू ही हुआ था कि अचानक बहुत तेज आँधी आ गयी। उसके बाद सभी ने अनुमान लगाया कि आज बहुत से कच्चे आम , जिन्हें अमिया कहते हैं, गिरी होंगी। कच्चे आम किसे पसन्द नहीं । आप बतायें क्या आपको पसन्द हैं? ज्यों ही मानव यह प्रश्न किया त्यों ही बाग के ठीक मध्य भाग से आवाज आयी। हाँ पसन्द हैं। वह उस स्वर की खोज में गया किन्तु वहाँ कोई नहीं। तभी अचानक देखा कि कोई लड़की पीत परिधान में तेजी से दौड़ती हुयी जा रही है। वह दृश्य देखने लायक था। ऐसा लग रहा था मानो बाग में एक बहुत से कच्चे आमों के बीच एक पीत वर्ण का सुन्दर आम हो। उसकी छटा शोभनीय होती है, कल्पना करें। फिर मानव उसे देख नहीं सका। और वो चली गयी। वो कौन थी? उसके बाद मानव आम के बाग में दिखाई देने वाली उस लड़की के बारे में सोचता है। वह किसी से पूछना भी चाहता है किन्तु संकोचवश किसी से कुछ नहीं कहता। वह सोचता है लोग कहेंगे-  क्या, क्यों और कैसे? जब वह स्वयं उसके विषय में नहीं जानता तो लोगों को क्या बताएगा? अतः स्वयं ही पता लगाने का प्रयास करता है। वह दूसर...

हरिशंकरी - ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में वृक्ष

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पीपल, बरगद और पाकड़ के वृक्षों को एक ही स्थान पर रोपित करने को " हरिशंकरी " कहते हैं। इन्हें इसप्रकार रोपित किया जाता है कि तीनों वृक्षों का एक संयुक्त छत्र विकसित हो तथा तीनों वृक्षों के तने भी एक तने के रूप में दिखाई दें। तीन देवों का स्वरूप:-                   इसका नाम हरिशंकरी है किंतु यह तीन देव हरि= विष्णु, शंकर=शिव व ब्रह्मा का स्वरूप हैं। इसमें पीपल विष्णु जी का, बरगद शिव जी का और पाकड़ ब्रह्मा जी का स्वरूप माने जाते हैं। वृक्षों का संक्षिप्त विवरण:-                               १. पीपल:-                                   इसे संस्कृत में अश्वत्थ, पिप्पल, बोधिद्रुम, कुंजराशन तथा वैज्ञानिक भाषा में फाइकस रिलीजिओसा कहते हैं।  औषधीय दृष्टि से पीपल शीतल रुक्ष, व्रण को उत्तम बनाने वाला, पित्त, कफ, व्रण तथा रक्त विकार को दूर करने वाला माना जाता है।  गीता म...