भगवान शिव -प्रथम योगी
शिव का अर्थ है-कल्याण।
शिव ही शंकर हैं।
"शं"का अर्थ भी है-कल्याण और "कर"का अर्थ है करने वाला अर्थात जो सम्पूर्ण सृष्टि का कल्याण करता है, वही शंकर है।
यदि व्यक्ति सभी के मंगल की कामना करे तो वह शिवमय हो सकता है।
भगवान शिव भाषाओं के जनक हैं। क्योंकि सभी भाषाएं संस्कृत से बनी हैं और संस्कृत का निर्माण"महेश्वर सूत्र"से हुआ;जो शिव जी के डमरू बजाने से निःसृत हुये हैं। उन्हीं सूत्रों पर संस्कृत व्याकरण टिका है।
शिव ही शंकर हैं।
"शं"का अर्थ भी है-कल्याण और "कर"का अर्थ है करने वाला अर्थात जो सम्पूर्ण सृष्टि का कल्याण करता है, वही शंकर है।
यदि व्यक्ति सभी के मंगल की कामना करे तो वह शिवमय हो सकता है।
भगवान शिव भाषाओं के जनक हैं। क्योंकि सभी भाषाएं संस्कृत से बनी हैं और संस्कृत का निर्माण"महेश्वर सूत्र"से हुआ;जो शिव जी के डमरू बजाने से निःसृत हुये हैं। उन्हीं सूत्रों पर संस्कृत व्याकरण टिका है।
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